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Saturday, January 10, 2009

दोस्त तेरी याद बहुत आती है ......

दोस्त तेरी याद बहुत आती है /
यादें तेरी या उन लम्हों की
जो बिताये थे तेरे साथ बचपन में /
आज भी ताजा हैं वे याद पचपन में /
दोस्त तेरी याद बहुत आती है /
स्कूल से गोल मार अमरूद के बगीचे में /
दौड्ते दौड्ते जामफ़ल तोडते /
माली का डर भी मन में भरा हुआ /
पेड से गिरने के डर से डरा हुआ /
यादें आज भी मन को हर्षाती हैं /
दोस्त तेरी याद बहुत आती है /
स्कूल के बाहर चाट के ठेले /
बेर कि डलिया और केले /
खाते खिलाते चिढाते खिलखिलाते /
पेड की छॊंव मे बैठे बतियाते /
बचपन की बातें भूल नहीं पातीं हैं
दोस्त तेरी याद बहुत आती है /

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