शरबतिया कल भूख से मर गई
मीडिया की उसपर नजर गड़ गई
अख़बार वाले आए ,आए टीवी वाले भी
दो दिनों के बाद आये मुख्यमंत्री के साले भी।
परिजनों के इन्टरव्यू लिए गए
मृतिका की तस्वीर
बिकने के लिए तैयार हो गयी
मौत की तहरीर ।
भूख से हुई मौत
कितनों की भूख मिटाएगी
मौत की ख़बर भी
कॉमशिॅयल ब्रेक के साथ दिखायी जायेगी ।
नमस्कार ,आज की टॉप स्टोरी में हम
शरबतिया की भूख से हुई मौत को दिखायेंगे
हत्या,लूट ,बलात्कार वाले आइटम
बाद में दिखाए जायेंगे ।
सात दिनों से भूखी शरबतिया के
निकल नहीं रहे थे प्राण
सूखी छाती से चिपटे बच्चे के चलते
अटकी थी शायद उसकी जान ।
आख़िर ममता पर भूख पड़ी भारी
थम गई आज शरबतिया की साँस
छाती से चिपटे बच्चे ने लेकिन
छोड़ी नही थी दूध की आस ।
खबरें अभी और भी हैं श्रीमान
जाइयेगा नहीं
मौत की ऐसी मार्मिक ख़बर
किसी और चैनल पर पाइयेगा नहीं ।
परन्तु फिलहाल हम एक
छोटा सा ब्रेक लेते हैं
आपको भी आंसू पोछने का
थोड़ा वक्त देते हैं ।
प्राइम टाइम पर
ख़बरों का सिलसिला जारी है
शरबतिया के बाद उसके
मरणासन्न बेटे की बारी है ।
बच्चा भूखा है
कुपोषण का शिकार है
दो-चार दिनों में वह भी
मरने के लिए तैयार है ।
हम उसपर अपनी नजर
जमाये हुए हैं
कुछ और कमाने की
जुगत भिड़ाये हुए हैं ।
बच्चा बच गया तो हमारी किस्मत
ख़बर बिकाऊ नहीं होगी
चौबीस घंटे के चैनल के लिए
टिकाऊ नही होगी ।
क्योंकि ख़बर तो वही है
जो बिकती है
कम से कम चौबीस घंटे तक
जरूर टिकती है ।
अर्थवाद के इस युग में
पैसा पत्रकारिता पर भारी है
लोकतंत्र के चौथे खम्भे की
कॉमशिॅयल ब्रेक लाचारी है ।
Wednesday, January 28, 2009
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tohar jora n hai bhai tu ta comedy bhi krela
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